पिकासो की 'गुएर्निका' |
नोट- स्पानी गृहयुद्ध के दौरान २६ अप्रैल १९३७ को स्पेन के बास्के काउंटी के एक गाँव गुएर्निका पर जर्मन और इतालवी हवाई जहाज़ों ने स्पानी राष्ट्रवादी शक्तियों के उकसावे पर बमबारी की थी. आधुनिक सैन्य इतिहास में निहत्थे नागरिकों पर की गयी यह पहली बमबारी थी. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से १६५४ लोगों की जान गई और कई घायल हुए. पिकासो की मशहूर पेंटिंग गुएर्निका इसी घटना की गवाह है जैसे पॉल एलुआर की यह कविता.
गुएर्निका के खंडहर |
गुएर्निका की जीत
१.
भला संसार मांद,
खदान और खेत का.
२.
जलाए जाने के लिए दुरुस्त चेहरे बर्फीले
जमाए जाने के लिए दुरुस्त
खंडित किये जाने लिए अँधेरे के लिए
तोहमत की चोटों के लिए.
३.
किसी भी चीज़ के लिए दुरुस्त चेहरे
यहाँ ख़ालीपन है जो घूरता है
तुम्हें
तुम्हारी मौत हमारे लिए मिसाल का
काम करेगी.
४.
मौत एक हताश दिल.
५.
वे तुमसे दाम वसूलते हैं रोटी का
सूरज धरती पानी नींद का
और तुम्हारी जिन्दगानियों की
ग़रीबी का.
६.
उन्होंने कहा वे चाहते हैं बेहतर
रिश्ते
उन्होंने राशनिंग की शक्तिशालियों
ने पागलों पर फ़ैसले सुनाये
उन्होंने भीख दी एक पैसे को तोड़ा
दो हिस्सों में
उन्होंने शवों को सलामी दी
उन्होंने एक दूसरे पर शिष्टाचारों
का ढेर लगाया
७.
उन्होंने मशक्कत की वे ज़रुरत से
ज़्यादा करते हैं इसे वे नहीं हैं हम जैसे
८.
स्त्रियों और बच्चों के पास वही
दौलतें हैं
हरी पत्तियों वसंत और निखालिस दूध
की
और
सहनशक्ति की
उनकी साफ़ सुथरी आँखों में.
९.
स्त्रियों और बच्चों के पास वही
दौलतें हैं
उनकी आँखों में.
पुरुष उनकी रक्षा करते हैं जितना
कर सकते हैं.
१०.
स्त्रियों और बच्चों के पास वही लाल
ग़ुलाब हैं
उनकी आँखों में.
उनमें से हरेक दिखलाता है अपना
रक्त.
११.
जीने का और मरने का डर और साहस
मौत इतनी मुश्किल और इतनी आसान.
१२.
पुरुष जिनके वास्ते इस दौलत की
प्रशस्तियाँ गाई गईं
पुरुष जिनके वास्ते इस दौलत को
नापाक बनाया गया.
१३.
सच्चे लोगो, जिनके लिए हताशा
उम्मीद की लपटभरी आग को भोजन देती
है
आओ मिलकर खोलते हैं भविष्य की
आखिरी कोंपल को.
१४.
बहिष्कृत मौत मैदान वीभत्स नज़ारा
हमारे दुश्मनों का सब पर है
हमारी रात का धुंधला रंग
उन सब के बावजूद फ़तह हमारी होगी.
१९३७
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