जब कैरिन जूरिक हाईस्कूल
में पढ़ती थीं, उन्हें ट्रेन स्टेशनों और संग्रहालयों में जाने का शौक़ लग गया. वहां
स्केचिंग करना भी उन्हें पसंद था – वे ख़ास तौर पर वहां आये लोगों के स्केच बनाती
थीं. बाद में यह शौक़ ही उनका पेशा बन गया और उन्हें संग्रहालयों में मौजूद दर्शकों
के चित्र बनाने में दक्षता हासिल हो गयी. समकालीन फिगरेटिव चित्रकारों में वे एक बड़ा नाम हैं.
आज देखिये कैरिन के कुछ
शानदार चित्र-
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