गालेआनो का गद्य - 2
अनुवादः शिवप्रसाद जोशी
एदुआर्दो गालेआनो लातिन अमेरिका की ऐतिहासिक और समकालीन यातना को दुनिया के सामने लाने वाले लेखक पत्रकार हैं. वे जितना अपने पीड़ित भूगोल के दबेकुचले इतिहास के मार्मिक टीकाकार हैं उतना ही भूमंडलीय सत्ता सरंचनाओं और पूंजीवादी अतिशयताओं के प्रखर विरोधी भी. उनका लेखन और एक्टिविज़्म घुलामिला रहा है. इसी साल 13 अप्रेल को 74 साल की उम्र में कैंसर से उनका निधन हो गया.
प्रस्तुत गद्यांश एडुआर्दो गालेआनो की किताब, मानवता का इतिहास, मिरर्स (नेशन बुक्स) से लिया गया है. हिंदी में इसका रूपांतर गुएर्निका मैगज़ीन डॉट कॉम से साभार लिया गया है. अंग्रेज़ी में इनका अनुवाद मार्क फ़्राइड ने किया है.
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जोसेफ़ीन बेकर |
2.
जोसेफ़ीन
की उम्र दर उम्र
नौ
साल की थी जब वो मिसीसिपी के किनारों पर सेंट लुइस के घरों में सफ़ाई का काम करती
थी.
10
साल की हुई तो सड़कों पर नाचने लगी. पैसों के लिए. 13 की हुई तो उसने शादी कर ली.
15
साल की उम्र में फिर शादी रचाई. पहले पति के बार में तो उसको बुरी क्या कैसी भी
याद नही है. दूसरी शादी में उसे पति का जाति नाम याद है क्योंकि उसकी ध्वनि उसे
पसंद थी.
17
साल में जोसेफ़ीन बेकर, ब्रॉडवे पर चार्ल्सटन पर नृत्य कर रही थी. 18वें साल, उसने
अटलांटिक पार किया और पेरिस पर क़ब्ज़ा किया. कांसे की हसीना( ब्रॉंज़ वीनस) के
रूप में उसने नग्न नृत्य पेश किया. उसके बदन पर सिर्फ़ केलों की बेल्ट थी.
(पाठकों
की सुविधा के लिए बता दें कि जोसेफ़ीन 20 वीं सदी के छह दशकों की नायाब मल्लिका
थीं. उस दौर की कला जगत की उथलपुथल की बात उनके बिना पूरी नहीं मानी जा सकतीं. वो
अत्यंत लोकप्रिय अमेरिकी फ़्रांसीसी नर्तकी और एक्टिविस्ट थीं, और उस दौर में उनके
बनाना कॉस्ट्यूम ने धूम मचा दी थी. रंगभेद और नस्लवाद का विरोध करने वाली प्रखर
आवाज़ों में से वो एक मानी जाती हैं- अनुवादक)
21वें
साल में जोकर और स्त्रैण प्रस्तुतियों के मिश्रण ने उसे यूरोप में सबसे लोकप्रिय
और सबसे ज़्यादा पेड परफ़ॉर्मर बना दिया.
24
की हुई तो वो पृथ्वी पर सबसे ज़्यादा बार तस्वीरों में उतारी गई औरत बन गई. घुटनों
के बल बैठकर पाब्लो पिकासो ने उसके चित्र बनाए. उसकी तरह दिखने के लिए पेरिस की
स्वप्नसुंदरियों ने अखरोट की क्रीम मलना शुरू किया जो त्वचा को डार्क बनाती है.
30
साल की हुई तो कुछ होटलों में उसे असुविधा हुई, क्योंकि वो एक चिंपाज़ी, एक सांप,
एक बकरी, दो तोते, कई मछलियां तीन बिल्लियां, सात कुत्ते, गले में हीरे की माला
पहने चिकिता नाम का एक चीता और अल्बर्ट नाम का एक नन्हा सुअर जिसे वो वर्थ के यां
रेवेयन इत्र से नहाती थी, साथ लेकर चलती थी.
40
साल में उसे नात्सी क़ब्ज़े के दौरान फ़्रांसीसी प्रतिरोध की सेवा की एवज़ में
लिजियॉन ऑफ़ ऑनर अवार्ड हासिल हुआ.
41वें
में, अपने चौथे पति के साथ उसने कई नस्लों और कई मूलों के 12 बच्चों को गोद लिया.
जिन्हें वो कहती थी, मेरा इंद्रधनुषी क़बीला.
45वें
साल वो अमेरिका लौट आई. उसने ज़ोर दिया कि गोरे और काले उसके कार्यक्रमों में एक
साथ बैंठें. अगर नहीं तो वो प्रस्तुति नहीं देगी. 57 साल में वो मार्टिन लूथर किंग
के साथ मंच पर थी और वाशिंगटन में ज़र्बदस्त भीड़ के सामने वो नस्ली भेदभाव के ख़िलाफ़
बोली थी.
68वें
साल वो एक आपदा जैसे दिवालिएपन से उबर आई और पेरिस के बोबिनो थियेटर में उसने आधी
सदी का जश्न मनाया.
फिर
वो चली गई.
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