'जलसा' का चौथा अंक छप कर आ गया है. सीमित प्रतियां. मंगाने का पता
- जलसा द्वारा असद ज़ैदी,
बी - 957, पालम विहार,
गुड़गांव 122 017,
टेलीफ़ोन: 09868126587,
-अशोक पाण्डे, D/35, जज फ़ार्म,
हल्द्वानी 263 139
उत्तराखण्ड
ईमेल: jalsapatrika@gmail.com,
threeessays@gmail.com, ashokpande29@gmail.com
इस अंक में:
शुभा —
दो चीज़ें | अविनाश मिश्र — कविताएँ, डायरी, गद्य | शुभम श्री — कविताएँ, डायरी, गद्य | लक्ष्मीधर मालवीय — दो संस्मरण | ख्वाजादास — कुछ छंद | देवी प्रसाद मिश्र — कहानियाँ, कविताएँ | सौम्य मालवीय — कविताएँ | सत्यपाल सहगल — कविताएँ, आलेख | महेश वर्मा — कविताएँ, आत्मकथ्य | मोनिका कुमार — कविताएँ, आत्मकथ्य |पंकज चतुर्वेदी — कविताएँ | लाल्टू — कविताएँ | जीतेन्द्र गुप्ता — देवी प्रसाद मिश्र के बहाने | निर्मला गर्ग — कविताएँ | शेफ़ाली फ़्रॉस्ट — कविताएँ | रेयाज़ उल हक़ — कविताएँ | वीरेन डंगवाल — कविताएँ | आशुतोष कुमार — वीरेन की कविता के बहाने
1 comment:
सीमित प्रतियाँ?
इंटरनेट के इस युग में???
आग्रह है कि प्रकाशक किसी ऑनलाइन सेवा जैसे कि नॉटनल या न्यूज़हंट से टाई अप करें और पीडीएफ़/ईबुक के रूप में भी इस पत्रिका को जारी करें - ईबुक की कीमत छपी प्रति से आधी (या और भी कम) रख सकते हैं.
यकीन करें, आजकल लोग छपी प्रति के बजाए अपने मोबाइल उपकरणों पर पढ़ना (और साथ में रखना) अधिक पसंद करते हैं.
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