मातृभूमि
-
लाल सिंह दिल
प्यार का भी कोई कारण होता है?
महक की कोई जड़ होती है?
सच का हो न हो मकसद कोई
झूठ कभी बेमकसद नहीं होता!
तुम्हारे नीले पहाड़ों के लिए नहीं
न नीले पानियों के लिए
यदि ये बूढ़ी माँ के बालों की तरह
सफेद-रंग भी होते
तब भी मैं तुझे प्यार करता
न होते तब भी
मैं तुझे प्यार करता
ये दौलतों के खजाने मेरे लिए तो नहीं
चाहे नहीं
प्यार का कोई कारण नहीं होता
झूठ कभी बेमकसद नहीं होता
खजानों के साँप
तेरे गीत गाते हैं
सोने की चिड़िया कहते हैं.
(मूल पंजाबी से अनुवाद - सत्यपाल सहगल)
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