Wednesday, February 3, 2016

इंतज़ार हुसैन का निधन

इंतज़ार हुसैन को पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे उर्दू साहित्य में मौजूदा दौर के अहम कहानीकारों में से एक माना जाता है. उन्होंने मंगलवार को लाहौर में अंतिम सांस ली, जहां कई दिनों से एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उन्हें निमोनिया और बुख़ार था. उनको बुधवार को सुपुर्दे ख़ाक किया जाएगा.
इंतज़ार हुसैन का जन्म 21 दिसंबर 1925 को बुलंदशहर ज़िले के डिवाई में हुआ था. विभाजन के बाद वे पाकिस्तान जाकर लाहौर में रहने लगे थे. उन्होंने उर्दू और अंग्रेज़ी साहित्य में एमए की डिग्रियां हासिल की थीं. उन्होंने उर्दू के नामी अखबारों और पत्रिकाओं में काम किया था. अपने समय को ईमानदारी के साथ दर्ज करने वाले इस लेखक ने पांच उपन्यास और सात कहानी-संग्रहों की रचना की.   
उनकी कहानियों का पहला संग्रह 'गली कूचे' 1953 में प्रकाशित हुआ था. इसके अलावा उन्होंने कई अनुवाद किए और यात्रा संस्मरण भी लिखे. उनके उर्दू कॉलम भी किताब की शक्ल में प्रकाशित हुए थे और वो अंग्रेजी में भी कॉलम लिखते थे. उनके एक उपन्यास और चार कहानी संग्रहों का अंग्रेजी में अनुवाद हुआ.
वो पहले पाकिस्तानी थे जो 2013 में अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट हुए.
कबाड़खाने की श्रद्धांजलि.

देखिये कबाड़ी इरफ़ान का लिया इंतज़ार हुसैन का एक पुराना साक्षात्कार -

 

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