Sunday, February 14, 2016

जंगल में जंगल नहीं होंगे तो कहाँ होंगे

हेनरी रूसो की पेंटिंग

शहर से सोचता हूँ

-विनोद कुमार शुक्ल


शहर से सोचता हूँ
कि जंगल क्या मेरी सोच से भी कट रहा है
जंगल में जंगल नहीं होंगे
तो कहाँ होंगे ?
शहर की सड़कों के किनारे के पेड़ों में होंगे .

रात को सड़क के पेड़ों के नीचे
सोते हुए आदिवासी परिवार के सपने में
एक सल्फी का पेड़
और बस्तर की मैना आती है
पर नींद में स्वप्न देखते
उनकी आँखें फूट गई हैं .

परिवार का एक बूढ़ा है
और वह अभी भी देख सुन लेता है
पर स्वप्न देखते हुए आज
स्वप्न की एक सूखी टहनी से
उसकी आँख फूट गई .

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