Wednesday, February 3, 2016

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने

परवीन शाकिर की ग़ज़ल:

परवीन शाकिर (24 नवम्बर 1952 - 26 दिसंबर 1994)

कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उस ने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की

कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की

तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की

वो कहीं भी गया लौटा तो मेरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मेरे हरजाई की

उस ने जलती हुई पेशानी पे जो हाथ रखा
रूह तक आ गई तासीर मसीहाई की



राग दरबारी में इसे पिरोया है उस्ताद मेहदी हसन ने -

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