Thursday, September 8, 2016

बच्चों को कैसे बताएं पाब्लो नेरूदा कौन थे

नोबेल विजेता पाब्लो नेरूदा (12 जुलाई 1904 - 23 सितम्बर 1973) न केवल मानव इतिहास के महानतम कवियों में से एक थे, वे एक ऐसे दुर्लभ मनुष्य भी थे जिन्हें मानव आत्मा का असाधारण और गहरा अंतर्ज्ञान भी था. मिसाल के तौर पर कबाड़खाने पर कल लगाई गयी पोस्ट एक अद्वितीय विषय पर उनके विचारों की बाबत बताती है कि किस तरह बचपन के एक अनुभव ने उन्हें सिखाया कि हम कला का निर्माण क्यों  करते हैं - इस विषय पर इससे बेहतर उपमा ढूँढने पर भी मिलना मुश्किल है.



इतने बड़े कवि को बच्चों से परिचित करा सकना खासा मुश्किल काम हो सकता है लेकिन मोनिका ब्राउन और जूली पाश्किस ने यह कारनामा कर दिखाया है. 'पाब्लो नेरुदा - पोयट ऑफ़ द पीपुल' नाम की किताब को मोनिका ब्राउन ने लिखा है और जूली ने उसमें इलस्ट्रेशन्स बनाए हैं और अपनी हैण्डराईटिंग में किताब को तैयार किया है. एक प्रिय मित्र के माध्यम से इस किताब का मिलना एक नए अनुभव से गुज़रना है. वही यहाँ साझा कर रहा हूँ.

किताब की शुरुआत में नेरुदा का परिचय इस तरह दिया गया है -

Once there was a little boy named Neftali, who loved wild things wildly  and quiet things quietly.

 From the moment he could talk, he surrounded himself with words.   Neftali discovered the magic between the pages of books. When he   was sixteen he began publishing his poems as Pablo Neruda.


 Pablo Neruda wrote poems about the things he loved - things made his artist friends, things found at the marketplace, and things he saw in   nature. He wrote about the people of Chile and their stories of struggle, because above all things and above all words, Pablo Neruda  loved people.              

कहानी शुरू होती है चिली में 1904 में कवि के जन्म से जिसे रेकार्दो एलीसेर नेफ्ताली रेयेस बासोआल्तो नाम दिया जाता है. उनके पिता को कविता लिखना पसंद नहीं है सो वे सोलह की आयु में अपना नाम पाब्लो नेरुदा रख लेते हैं और अपना काम प्रकाशित करवाना शुरू करते हैं. किताब में एक लेखक, राजनैतिक एक्टिविस्ट के तौर पर उनके विकसित होने की प्रक्रिया को तो साधारण शब्दों में दर्ज किया ही गया है यह भी बताया गया है कि भाषा, जन और जीवन को भरपूर प्रेम करने की चमकदार समझ और उत्साह उनके भीतर कैसे आये.

किताब से कुछ इलस्ट्रेशन्स पेश कर रहा हूँ.







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