Saturday, December 3, 2016

ज़ुल्फ़ बिखरा के निकले वो घर से


बेकल उत्साही को श्रद्धांजलि. उनकी इसी ग़ज़ल से पहले पहल उनसे तार्रुफ़ हुआ था. आवाज़ अहमद हुसैन-मुहम्मद हुसैन की - 


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