पुलिस-मंत्री का पुतला
-हरिशंकर परसाई
एक
राज्य में एक शहर के लोगों पर पुलिस-जुल्म हुआ तो लोगों ने तय किया कि
पुलिस-मंत्री का पुतला जलाएंगे.
पुतला
बड़ा कद्दावर और भयानक चेहरेवाला बनाया गया.
पर
दफा 144 लग गई और पुतला पुलिस ने जब्त कर लिया.
अब
पुलिस के सामने यह समस्या आ गई कि पुतले का क्या किया जाए. पुलिसवालों ने बड़े
अफसरों से पूछा,
‘साहब, यह पुतला जगह रोके कब तक पड़ा रहेगा?
इसे जला दें या नष्ट कर दें?’
अफसरों
ने कहा,
‘गजब करते हो. मंत्री का पुतला है. उसे हम कैसे जलाएंगे? नौकरी खोना है क्या?’
इतने
में रामलीला का मौसम आ गया. एक बड़े पुलिस अफसर को ‘ब्रेनवेव’ आ गई. उसने रामलीलावालों को बुलाकर कहा, ‘तुम्हें
दशहरे पर जलाने के लिए रावण का पुतला चाहिए न? इसे ले जाओ.
इसमें सिर्फ नौ सिर कम हैं, सो लगा लेना.’
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