Tuesday, October 31, 2017
तो उतना दुख नहीं होता
क्रोध
-
अष्टभुजा शुक्ल
पकी फसल
लाट ले गए होते
खेतों से
आँखों के सामने
तो उतना दुख नहीं होता
जितना कि
कच्ची फसल
काटकर छोड़ गए
खेतों में रातों-रात
जाने क्यों
दस्युओं से भी
अधिक क्रोध आता है
तस्करों पर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment