Tuesday, October 9, 2007
अंधा कबाड़ी
नून मीम राशिद
की इस नज़्म को आवाज़ दे रहे हैं
ज़िया मोहिउद्दीन.
2 comments:
Ashok Pande
said...
बहुत शानदार नज़्म है। सचमुच। थैंक्यू इरफान।
October 9, 2007 at 11:51 AM
Priyankar
said...
बहुत अच्छी नज़्म और बेहद प्रभावशाली पाठ .
October 9, 2007 at 7:48 PM
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
बहुत शानदार नज़्म है। सचमुच। थैंक्यू इरफान।
बहुत अच्छी नज़्म और बेहद प्रभावशाली पाठ .
Post a Comment