Saturday, November 3, 2007

आओ जी आओ । स्वागत है नए कबाड़ी शैलेन्द्र जोशी का

क्या ही `खुसी` की बात है कि आज कबाड़खाने में शैलेन्द्र जोशी दाखिल हुए हैं।शैलेन्द्र का स्वागत करते हुए यह पक्की उम्मीद है कि वे उम्दा कबाड़ से इसमें इजाफा करेंगे। प्रतिभाशाली कवि और अनुवादक शैलेन्द्र उत्तराखंड के सुदूर गाँव पतलोट के जीआईसी में अध्यापक हैं। ` पहल´ के 76 वें अंक में 'दागेस्तान का रसूल' शीर्षक उनकी रचना प्रकाशित हुई थी। रसूल हम्ज़ातोव की मृत्यु के बाद छापे इस लेख पर टिप्पणी छापते हुए संपादक ज्ञानरंजन यानि ज्ञान दादा ने लिखा था- "टिप्पणी और कवितायें शैलेन्द्र जोशी ने हल्द्वानी से भेजी हैं। वे अंग्रेजी में एम0ए0 करने के बाद आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। 1980 में उनका जन्म हुआ यानी अभी वे 24 के भी पूरे नहीं हुए हैं।" नई जानकारी यह है कि शैलेन्द्र जोशी आजकल खूब लिख-पढ़ रहे हैं। `लोकमत´ के नये सालाना अंक में भारतीय युवा पर उनका एक महत्वपूर्ण लेख आ रहा है । शैलेन्द्र स्वागत हियां भी कुछ लिखो प्यारे कबाड़खाना इंतजार में है तुम्हारे।

6 comments:

स्वप्नदर्शी said...

mujhe is baat kii umeed nahii thii ki aap kii math itanii kamzor hai, 80+24=2004 hota hai. kya kuch saal peeche chal kar midlife crisis se deal kiya ja raha hai?

siddheshwar singh said...

मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं । उद्धरण चिन्ह छूट जो के कारण ऐसा हो गया । पहल पत्रिका का 76 वां अंक 2004 के जनवरी - मार्च में आया था और मैं उसी के संपादकीय नोट को उद्धृत कर रहा था। गलती की ओर इशारा करके मुझे चेताने के लिए आभार । रही बात गणित में कमजोर होने की तो वह मैं शायद था और अब शायद भी हूं।

Ashok Pande said...

गणित के मर्मज्ञों हेतु एक अनसुलझा सवाल है मेरे पास। कृपया इस लिंक को खोल लें। धन्यवाद। http://ramrotiaaloo.blogspot.com/2007/10/blog-post_6055.html बाई द वे इस लिंक में दो सवाल हैं। लेकिन दूसरा सवाल समाज शास्त्र का है। उसका जवाब देना इतना अर्जेंट नहीं है अलबत्ता। इस सब के अलावा शैलेन्द्र के आने पर मैं भी प्रसन्न हूँ। जय लोया पिलाट्टिक।

ghughutibasuti said...

शैलेन्द्र जोशी जी का स्वागत है । जोशी जी के बारे में लेखक ने जो बताया वह सही ही था । स्वाभाविक है कि जब वे कह रहे हैं कि संपादक ने यह कहा था तो संपादक ने तभी कहा होगा जब लेख छपा होगा । संपादक रोज रोज तो जोशी जी की उम्र को अपडेट करने से रहा ।
घुघूती बासूती

स्वप्नदर्शी said...

आपके math वाले सवाल का ज़बाब _ तीनो आशिक एक जगह बैठकर रोयेंगे-गायेंगे और नयी लेलाओं के गुजरने का इंतज़ार करेंगे------------कुछ नए कमेट्स/जुमले बनायेंगे.

शिरीष कुमार मौर्य said...

स्वागत है शैलेन्द्र !