Sunday, November 18, 2007

नमस्ते जी :नए कबाड़ी अरूण रौतेला का स्वागत !

कबाड़खाने में आपका स्वागत है भाई ।
न हमारे पास धन-दौलत न फूल-माला-मिठाई।
आओ मिलजुल के कुछ कपास कातें
बाकी तो चलती रहेंगी दुनिया जहान की बातें।
कुछ गप्प ,कुछ शप्प ,कुछ धप्प
कबाड़खाना में सब कुछ गड़प्प।


भाई अरूण रौतेला जी आपका इस ठिए पर कबाड़ी समुदाय की ओर से स्वागत है। आपके आने से यहां कुछ नया-नया होगा। स्वागत !

4 comments:

Ashok Pande said...

अरुण रौतेला जी का स्वागत है। अपने कबाड़ी दोस्तों और पाठकों को अरुण जी के बारे में थोड़ा बहुत मैं भी बताना चाहूँगा। रौतेला जी नैनीताल में रहते हैं। वकालत करते हैं। बेहद सजग नागरिक हैं और समाज, राजनीति, पर्यावरण और जीवन को लेकर बहुत स्पष्ट विचार रखते हैं। उनसे मेरा परिचय करीब बीस साल पुराना है। और जाहिर है कबाड़वाद के कई सारे बुनियादी सिद्धांत उनकी संगत में सीखने का सौभाग्य भी मुझे मिला था। बेहद सादा और यारबाश इस कबाड़ी के हमारी दुकान में आने पर मैं बहुत खुश हूँ। और मैं जानता हूँ अरुण दा बहुत जल्दी हमें अपना ओरिजिनल कबाड़ भेजेंगे। इंशा अल्लाह। जय कबाड़।

Tarun said...

जय हो अपने पहाड़ी कबाड़ी की, स्वागत है अरूण भैजी।

Vineeta Yashswi said...

Arun ji apka swagat hai. umid hai ab aap jaldi hi court kchari ke alwa banki kabaar bhi nikal kar kabaarkhaane mai dalenge

आशुतोष उपाध्याय said...

अरुण दा का कबाड़खाने स्वागत. कट्टरपंथी अंतरराष्ट्रीय कुंवारा क्लब के अकेले सदस्य. कबाड़खाने में आपका झंडा बुलंद हो.