Thursday, April 3, 2008

कोई तो है

उजाड़ घर में य' खुशबू कहां से आती है
कोई तो है दरो-दीवार के अलावा भी।

अहमद फ़राज़

8 comments:

VIMAL VERMA said...

अरे ये अभी अभी पके भात की खूशबू है? शानदार...जानदार.... शुक्रिया साथी..

अमिताभ मीत said...

वाह ! बहुत बढ़िया शेर.

सुजाता said...

hmm
sweet and short !

हरे प्रकाश उपाध्याय said...

lajvab chandu bhaiya...mera dipression mit gya guru

पारुल "पुखराज" said...

वाह

Divine India said...

सुंदर!!!

Joshim said...

खूब
दश्ते गु़र्बत में तुम्हें कौन पुकारेगा "फ़राज़"
चल पड़ो ख़ुद ही जिधर दिल की सदा ले जाए
- ये भी अहमद फ़राज़

दीपा पाठक said...

वाह! क्या बात है...