Thursday, April 24, 2008

हमारे सांपों ने त्याग दी है अपनी बिजली

एक आकस्मिक मुलाकात

- विस्वावा शिम्बोर्स्का

हम एक दूसरे के साथ अतिशय शालीनता के साथ व्यवहार करते हैं
हम कहते हैं बड़ा अच्छा लगा आपसे मिलकर .


दूध पीते हैं हमारे चीते
धरती पर चलते हैं हमारे बाज़
हमारी शार्क मछलियां डूब चुकी हैं
खुले पिंजरों के परे उबासी लेते हैं हमारे भेड़िये .


हमारे सांपों ने त्याग दी है अपनी बिजली
हमारे लंगूरों ने अपनी कल्पना की उड़ान;
हमारे मोरों ने छोड़ दिया है अपने पंखों को
हमारे केशों से काफ़ी पहले उड़ गए थे चमगादड़ .


हम ख़ामोश पड़ जाते हैं वाक्य के बीच में
बस मुस्कराते हैं,कोई नहीं कर सकता हमारी मदद .


हमारे मनुष्यों को
यह तक नहीं मालूम कि एक दूसरे से बात कैसे की जाए.

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