Monday, August 4, 2008

आबिदा आपा की आवाज़ में ठुमरी



बाजूबंद खुल -खुल जाय

और क्या कहा जाय
बस सुना जाय !!!!!

6 comments:

Ashok Pande said...

ग़ज़ब!

Ashok Pande said...

अभी दुबारा सुन डाला.

रौला काट दिया साब आप ने.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

वाह! आनंद आ गया...क्या गला पाया है? क्या रियाज़ है? अद्‍भुत...

Unknown said...

बहुत खूब !!

Udan Tashtari said...

अद्भुत!! जबरदस्त!!

Smart Indian said...

once more, once more!