Thursday, September 25, 2008

मारकेज़: उसके अंधविश्वास, सनकें और रुचियां

बीसवीं सदी के लातीन अमरीकी साहित्य के ख़लीफ़ा और नोबेल पुरुस्कार प्राप्त गाब्रीएल गार्सीया मारकेज़ उर्फ़ गाबो की कुछ व्यक्तिगत सनकें विख्यात हैं. अपने पत्रकार साथी और अंतरंग मित्र प्लीनीयो आपूलेयो मेन्दोज़ा को उन्होंने बहुत सारे इन्टरव्यू दिए थे जो बाद में 'फ़्रैगरेन्स ऑफ़ गुवावा' नाम की प्रसिद्ध पुस्तक के रूप में छपे. इसी पुस्तक के एक दिलचस्प अध्याय का अनुवाद प्रस्तुत है. गाबो के इसरार पर ही इस को जानबूझ कर पुस्तक का तेरहवां अध्याय बनाया गया था.




तुमने एक बार कहा था, 'अगर तुम ईश्वर में यकीन नहीं करते हो तो कम से कम अंधविश्वासी तो बनो' क्या यह तुम्हारे लिए गम्भीर मसला है?

बहुत गम्भीर.

क्यों?

मैं मानता हूं कि अंधविश्वास, या आमतौर पर जो भी इस तरह की चीजों को कहा जाता है प्राकृतिक शक्तियों से संचालित होते हैं जिसे तार्किक विचारशीलता (उदाहरण के लिए पश्चिमी देशों की) ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है.

चलो सबसे आम उदाहरणों से शुरू करते हैं - तेरह का अंक. क्या तुम मानते हो कि यह दुर्भाग्य लेकर आता है?

मेरे ख्याल से इसका बिल्कुल उल्टा होता है. जानकार लोगों ने इसे एक अपशकुन में तब्दील कर दिया है (अमरीका में होटल बारहवीं से चौदहवीं मंजिल तक जाते हैं) ताकि और लोग इसका फायदा न उठा पाएं और उन्हीं को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिले. असल में यह एक भाग्यशाली संख्या है. ऐसा ही काली बिल्लियों और सीढ़ियों के नीचे टहलने के साथ भी है.

तुम्हारे घर हमें हमेशा पीले फूल होते हैं. इसका क्या महत्व है?

अगर मेरे चारों तरफ पीले फूल हों तो मेरे साथ कोई भी गम्भीर घटना नहीं घट सकती. पूरी तरह सुरक्षित होने के लिए मुझे पीले फूल (पीले गुलाब हों तो बेहतर) चाहिए होते हैं और मेरे चारों तरफ स्त्रियां.

मेरेसेदेस (गाबो की पत्नी) हमेशा तुम्हारी डेस्क पर एक गुलाब लगाती है.

हमेशा! कई बार ऐसा भी हुआ है कि मैं काम करना चाह रहा हूं पर कोई भी चीज ठीक नहीं हो रही. मैं पन्ने पर पन्ने फेंके जा रहा हूं. मैं गुलदस्ते को देखता हूं और कारण मेरी समझ में आता है ... कोई गुलाब नहीं. मैं चीखकर एक फूल मंगाता हूं जिसे वे ले कर आते हैं और सब कुछ ठीक से होना शुरू हो जाता है.

क्या पीला तुम्हारा भाग्यशाली रंग है?

पीला भाग्यशाली है पर सोना नहीं, न ही सोने का रंग मैं सोने को हमेशा गू की तरह पहचानता हूं. बचपन से ही मैं टट्टी को नकारता आया हू¡, जैसा एक मनोविश्लेषक ने मुझे बताया था.

`वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सॉलीट्यूड´ में एक पात्र सोने की तुलना कुत्ते की टट्टी से करता है.

हां, जब होसे आरकादियो बुएनदिया धातुओं को सोने में बदलने का नुस्खा खोज लेता है और अपने प्रयोगों के परिणाम अपने बेटे को दिखाता है, वह कहता है, 'यह कुत्ते की टट्टी जैसा दिख रहा है'

तो तुम सोना कभी नहीं पहनते?

कभी नहीं. न मैं घड़ी पहनता हूं, न कोई जंजीर, न सोने की अंगूठी, न कड़ा. न ही तुम मेरे घर सोने की बनी कोई चीज देखोगे.

तुमने और मैंने वेनेजुएला में एक ऐसी चीज सीखी थी जो जीवन में बहुत सहायक सिद्ध हुई है-कुरूचि और दुर्भाग्य के बीच सम्बन्ध! वेनेजुएला के लोगों के पास इस तरह के लोगों, चीजों और प्रवृत्तियों के लिए एक विशेष शब्द है. वे इसे `पावा´ कहते हैं.

हां. यह एक असाधारण सुरक्षा-मैकेनिज्म है जो वेनेजुएला के सामान्य लोगों के विवेक ने नवधनाढ्य वर्ग की कुरूचि के बरखिलाफ खड़ा किया है.

तुमने उन तमाम चीजों की लिस्ट बना रखी है जिनमें `पावा´ होता है, है ना? क्या तुम्हें उनमें से कुछ याद हैं?

हां, कई सारी हैं और सबसे आम - दरवाजे के पीछे बड़े-बड़े शंख ...

घरों के भीतर एक्वेरियम ...

प्लास्टिक के फूल, मोर, कशीदाकारी वाले मनीला शॉल ... लिस्ट बहुत लम्बी है.

तुमने स्पेन के उन नौजवानों का भी जिक्र किया था जो लम्बे काले लबादे पहने रेस्त्राओं में मनोरंजन करते हैं?

छात्रों के म्यूजिकल ग्रुप. बहुत कम चीजें होती हैं जिनमें उनसे अधिक `पावा होता है.

और औपचारिक पोशाक

हां, पर उसके अलग-अलग स्तर हैं. `टेल्स´ में डिनर जैकेट से ज्यादा पर `फ्रॉक कोट´ से कम `पावा´ होता है. इस प्रकार की पोशाकों में केवल ट्रॉपिकल डिनर जैकेट इस लिस्ट में नहीं आती.

तुमने कभी `टेल्स´ पहनी है?

कभी नहीं.

कभी पहनोगे? अगर तुम्हें नोबेल पुरस्कार मिलेगा तो पहननी ही पड़ेगी

मेरे किसी भी उत्सव या अनुष्ठान में शामिल होने की शर्तों में मैंने टेल्स न पहनना रखना ही था. और मैं क्या-क्या कर सकता हूं-`टेल्स´ में इतना अपशकुन होता है.

हमने पावा के और रूप खोजे थे. तुमने एक बार तय किया था कि बिना कपड़े पहने सिगरेट पीने का मतलब दुर्भाग्य नहीं होता जबकि बिना कपड़े पहने टहलते हुए सिगरेट पीने में दु्र्भाग्य होता है. और सिर्फ जूते पहने-पहने टहलने में.

हा¡, अवश्य ही. और मोज़े पहनकर सैक्स करने से. वह घातक होता है. ऐसी चीज कभी काम नहीं कर सकती.

और कौन सी चीजें?

विकलांग लोग जो अपनी विकलांगता का इस्तेमाल वाद्य यंत्र बजाने में करते हैं. उदाहरण के लिए बिना बांह वाले लोग अपने पैरों से ड्रम बजाते हुए या कानों से बांसुरी बजाने वाले लोग या अंधे संगीतकार.

मेरे ख्याल से बहुत से शब्द भी अभिशप्त होते हैं. मेरा मतलब है ऐसे शब्द जिन्हें तुम कभी भी अपने लेखन में इस्तेमाल नहीं करतेण.

हां, तमाम समाजशास्त्रीय जार्गन -`स्तर´, `संदर्भ´ जैसे शब्दों में बहुत `पावा´ है.

`एप्रोच´ भी ऐसा ही शब्द है.

हां, `एप्रोच´. `हैण्डीकैप्ड´ के बारे में क्या ख्याल है? मैं कभी भी `अथवा/तथा´ का इस्तेमाल नहीं करता.

क्या लोगों का भी वैसा ही प्रभाव होता है?

हां, पर बेहतर है उस बारे में बात न की जाय.

मैं भी यही समझता हूं, एक लेखक है जो जहां जाता है अपने साथ `पावा´ लेकर चलता है. मैं उसका नाम नहीं लूंगा क्योंकि अगर मैं वैसा करूंगा तो यह किताब बरबाद हो जाएगी. इस तरह के लोगों से मिलने पर तुम क्या करते हो?

मैं उन्हें नजरअंदाज कर देता हूं. सबसे बड़ी बात तो ये कि जहां वे होते हैं मैं उस जगह पर सोने से साफ मना कर देता हूं. कुछ साल पहले मैंने और मेरसेदेस ने कोस्ता ब्रावा पर एक शहर में एक फ्लैट किराये पर लिया. हमें बहुत जल्दी मालूम पड़ गया कि हमारी एक पड़ोसन जो नमस्ते करने आई थी, के भीतर `पावा´ है. मैंने वहां सोने से इन्कार कर दिया. मैंने दिन वहीं बिताया पर रात काटने में एक दोस्त के घर चला गया. मेरसेदेस इस बात पर बहुत झल्लाई पर उसके अलावा मैं कुछ भी नहीं कर सकता था.

जगहों के बारे में क्या ख्याल है? क्या उनका भी तुम पर ऐसा प्रभाव पड़ता है?

हां, पर इसलिए नहीं कि वे खुद दुर्भाग्यशाली होते हैं पर वहां पहुंचकर कई बार मुझे पूर्वाभास होने लगते हैं. कादाकेस में मेरे साथ ऐसा ही हुआ. मुझे पता है अगर मैं एक भी बार वापस वहां गया तो मेरी मौत हो जाएगी.

तुम तो वहां हर गर्मियों में जाया करते थे। क्या हुआ?

हम एक होटल में रूके थे जब वह उत्तरी हवा बहनी शुरू हुई जो आपके स्नायुओं को बेहद उत्तेजित कर देती थी. तीन दिन तक मैं और मेरसेदेस कमरे के भीतर रहे क्योंकि बाहर निकल पाना मुमकिन न था. अचानक मुझे ऐसा निश्चित आभास हुआ कि मेरा जीवन खतरे में है. मैं जानता था कि अगर मैं कादाकेस से जिन्दा निकल आया तो दुबारा वहां नहीं जा सकूंगा. जब हवा थमी, हम तुरन्त उस संकरी, घुमावदार सड़क से लौट पड़े. तुम जानते हो कौन सी वाली. जेरोना पहुंचकर ही मैंने इत्मीनान की सांस ली. मैं चमत्कारिक तरीके से बच गया पर मैं जानता था कि दुबारा वहां जाने पर जरूरी नहीं था कि भाग्य उतना ही साथ देता.

अपने प्रसिद्ध पूर्वाग्रहों के बारे में तुम्हारा क्या कहना है?

मैं समझता हूं वे उन छोटे-छोटे संकेतों और सूचनाओं के कारण होते हैं जिन्हें मैं अपने अवचेतन में दर्ज करता हूं.

मुझे याद है काराकास में एक जनवरी 1958 की जब तुम्हें अचानक लगा था कि कभी भी कुछ भी आशातीत घट सकता था और असल में हुआ भी वैसा ही. हमारी नाक के सामने राष्ट्रपति के महल पर बिल्कुल आशातीत हवाई हमला शुरू हो गया था. मैं आज तक अपने आपसे पूछता हू¡ कि तुम्हें उसका पूर्वाभास हुआ कैसे?

मुझे पक्का यकीन था क्योंकि जब मैं उस सुबह अपने हॉस्टल में जागा, तो मैंने फाइटर जहाज के इंजन की आवाज सुनी. उसने मेरे अवचेतन को बताया होगा कि कुछ गड़बड़ होने वाली है क्योंकि मैं तभी यूरोप से लौटा था जहां फाइटर जहाज शहरों के ऊपर केवल युद्धकाल में उड़ा करते हैं.

क्या तुम्हारे पूर्वाभास बिल्कुल स्पष्ट होते हैं?

नहीं. वे बहुत अस्पष्ट होते हैं लेकिन वे हमेशा किसी निश्चित चीज से जुड़े होते हैं. देखो, एक दिन बारसीलोना में मैं अपने जूतों के तस्मे बांध रहा था जब मुझे लगा कि घर पर मैक्सिको में कुछ हो गया है. बहुत बुरा नहीं पर कुछ हुआ है. मैं चिंतित था क्योंकि उसी दिन मेरा बेटा रोद्रीगो कार से आकापुल्को जा रहा था. मैंने मेरसेदेस से घर फोन करने को कहा. वास्तव में उसी वक्त जब मैं अपने जूते के फीते बांध रहा था घर पर कुछ हुआ था. हमारी नौकरानी का बच्चा हुआ था - एक लड़का. मैंने चैन की सांस ली क्योंकि मेरे पूर्वाभास का रोद्रीगो से कुछ लेना-देना नहीं था.

तुम्हारे पूर्वाभास और तुम्हारे अन्तर्ज्ञान ने तुम्हारी बहुत मदद की है. तुम्हारे कई महत्वपूर्ण फैसले उन पर आधारित रहे हैं?

महत्वपूर्ण ही नहीं सारे के सारे.

सारे के सारे! क्या यह सच है?

सारे के सारे. हर दिन, हर समय मैं फैसला अपनी इन्ट्यूशन की मदद से करता हूं.

तुम्हारी सनकों के बारे में बात करते हैं. तुम्हारी सबसे बड़ी सनक क्या है?

मेरे सबसे पुरानी सनक है समय की पाबंदी. मैं जब बच्चा था तब भी समय का बहुत पाबंद था.

तुम कह रहे थे कि जब तुम टाइपिंग की गलती करते हो, तुम पूरा पन्ना दुबारा शुरू करते हो। यह सनक है या अंधविश्वास?

यह निहायत एक सनक है. मेरे लिए टाइपिंग की गलती शैली की गलती के बराबर है. (यह शायद लिखने का भय हो)

तुम्हारे भीतर कपड़ों को लेकर भी सनक है? मेरा मतलब है कोई ऐसे कपड़े जो अपने साथ बुरा भाग्य लाते हों और तुम्हें जिन्हें नहीं पहनते?

मुश्किल से. यदि उसमें `पावा´ होगा तो मैं उसे खरीदने से पहले जान जाऊंगा. अलबत्ता एक बार, मैंने मेरेसेदेस के कारण एक जैकेट पहनना बंद कर दिया. एक बार वह बच्चों को स्कूल से लेकर आ रही थी और उसने सोचा कि उसने मुझे घर की एक खिड़की पर खानेदार जैकेट पहने देखा. हालांकि मैं घर के दूसरे हिस्से में था. जब उसने मुझे यह बताया, मैंने उसके बाद उस जैकेट को पहनना बंद कर दिया-वैसे वह जैकेट मुझे पसंद है.

तुम्हारी रूचियों पर आया जाय, जैसा कि महिलाओं की पत्रिकाओं में होता है. तुमसे वही सवाल पूछना मनोरंजक है जो हम अपने कोलिम्बया में ब्यूटी क्वीनों से पूछते हैं. तुम्हारी सबसे प्रिय किताब कौन सी है?

ईडिपस रेक्स

तुम्हारा प्रिय संगीतकार?

बेला बारतोक

और चित्रकार?

गोया

किस फिल्म निर्देशक को तुम सबसे ज्यादा पसंद करते हो?

ऑरसन वेल्स को खासतौर पर `द इस्मॉर्टल स्टोरी´ के लिए और कुरोसावा को `रेड बीयर्ड´ के लिए

किस फिल्म में तुम्हें सबसे ज्यादा आनंद आया?

रोसेलिनी की 'Il Generale de la Roverse'

और कोई?

त्रूफो की `जूल्स एट जिम´

किस फिल्म पात्र का निर्माण तुम करना चाहते?

जनरल दे ला रोवेयर

कौन सा ऐतिहासिक पात्र तुम्हें सबसे रूचिकर लगता है?

जूलियस सीजर, पर केवल साहित्यक दृष्टिकोण से.

और कौन सबसे नापसंद है?

क्रिस्टोफर कोलम्बस. उसमें सचमुच `पावा´ है. `ऑटम ऑफ द पैट्रिआर्क´ का एक पात्र ऐसा कहता भी है.

तुम्हारे प्रिय साहित्यक हीरो?

गारगान्टुआ, एडमंड दान्ते और काउन्ट ड्रैकुला

कौन सा दिन नापसंद है?

इतवार

तुम्हारा पसंदीदा रंग पीला है हम जानते हैं पर पीले का कौन सा शेड?


मैंने एक दफे उसे जमैका से दोपहर तीन बजे दिखने वाले कैरिबियन के पीले के तौर पर बताया था.

('अमरूद की ख़ुशबू' के नाम से यह अनुवाद संवाद प्रकाशन से शीघ्र प्रकाश्य)

17 comments:

शिरीष कुमार मौर्य said...

किसी जीनियस को समझना कितना कठिन होता है - इसे इस पोस्ट मे देखा जा सकता है !
बहुत रोचक !
कितबिया जल्दी आनी चाहिये !

संगीता पुरी said...

aashcharya hai.

Vineeta Yashsavi said...

bahut achha laga

वर्षा said...

कई कमाल की बातें जानने को मिली। मारक्रेज़ एक परफैक्ट मैन होंगे,परफेक्शनिस्ट थोड़े सनकी भी लगने लगते हैं। मुझे लगता है ऐसे लोगों के बारे में पढ़ना दिलचस्प होता है, इनकी ज़िंदगी और भी दिलचस्प, पर इनकी पत्नी इनके बारे में क्या सोचती होंगी, क्या एक परफेक्शनिस्ट के साथ रहना आसान होता होगा।

वर्षा said...

कई कमाल की बातें जानने को मिली। मारक्रेज़ एक परफैक्ट मैन होंगे,परफेक्शनिस्ट थोड़े सनकी भी लगने लगते हैं। मुझे लगता है ऐसे लोगों के बारे में पढ़ना दिलचस्प होता है, इनकी ज़िंदगी और भी दिलचस्प, पर इनकी पत्नी इनके बारे में क्या सोचती होंगी, क्या एक परफेक्शनिस्ट के साथ रहना आसान होता होगा।

वीरेन डंगवाल said...

vilakhashan!
aur anuvad bhi barhia hai.aur tamam baatein bhi,
viren

Ek ziddi dhun said...

yE BADHIYA HAI KI-
`मैं सोने को हमेशा गू की तरह पहचानता हूं. बचपन से ही मैं टट्टी को नकारता आया हू¡, IS PEELI DHATU KE SAATH YAHEE BARTAV THEEK HAI

siddheshwar singh said...

बहुत दिलचस्प है यह संवाद से गुजरकर एक विश्वविश्रुत लेखक के निज में झांकना.अक्सर होता यह कि 'बड़े लोग' निज के नकार को महिमामंडित करने का खेल रचते हैं. इसमें उनके पाठक-प्रशंसक-प्रेमी भी कुछ कम दोषी नहीं होते.विश्व साहित्य के बारे में तो नहीं किन्तु हिन्दी साहित्य जगत में 'घरे-बाइरे' के धुंध से उठती हुई धुन सुनाई देती रहती है.
किताब का इंतजार है.

Unknown said...

यह पावा को बरदाश्त करने की आदत पता नी क्या-क्या ले जाती है। बिलोगिंग में कितना पावू है?

एस. बी. सिंह said...

बहुत दिलचस्प। मारकेज़ को समझने के लिए मददगार। सोने ने सचमुच जिस तरह दुनिया को लुभाया है उसके लिए यही उपमा ठीक है। और 'पावा' ! कितनी सूक्ष्म अंतर्दृष्टि है। अनुवाद कर हम तक पहुचाने के लिए साधुवाद।

अनूप शुक्ल said...

मजेदार। इसे पढ़वाने के लिये शुक्रिया।

जितेन्द़ भगत said...

nice interview

महेन said...

ये तेरहवें अध्याय में जाने लायक इन्टरव्यू ही था। कितना मुश्किल होता है किसी जीनियस को समझ पाना कई बार। हैरान हूँ।

गिरीश मेलकानी said...

Good Translation.

ravindra vyas said...

baba gabo ko pranaam! ashokji behtreen!!

मुनीश ( munish ) said...

Dhanyavaad Ashok Bhai. Ye sab ap hi se pata lag sakta hai . pustak samaroh purvak aaye aisi meri kaamna hai.

मुनीश ( munish ) said...

'paava' seems antonym of panjabi 'shaava'.