जिया तो मानत नाहीं पर - "कुछ नहींकुछ भी नहीं कहना है !!!"
बेहतरीन!
बढ़िया।
अहा! कितना विनीत स्वर्…सराबोर! आभार !
सोने से जगमगाती आवाज़.किसी ऐसे लोक में ले जातीजहाँ कोई छदम नहींकोई छल-कपट नहींशुद्ध,शफ़्फ़ाक़ औरपावन जल सा छलछल स्वर.
kitna samarpit bhav...! sach kaha kahane ko kuchh nahi ....bas feel karne ko ...bahut kuchh....!
sumiran kar le mere mana
बस्स....सुनना है !मैं भी यही कहूंगा।
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8 comments:
जिया तो मानत नाहीं पर - "कुछ नहीं
कुछ भी नहीं कहना है !!!"
बेहतरीन!
बढ़िया।
अहा! कितना विनीत स्वर्…सराबोर! आभार !
सोने से जगमगाती आवाज़.
किसी ऐसे लोक में ले जाती
जहाँ कोई छदम नहीं
कोई छल-कपट नहीं
शुद्ध,शफ़्फ़ाक़ और
पावन जल सा छलछल स्वर.
kitna samarpit bhav...! sach kaha kahane ko kuchh nahi ....bas feel karne ko ...bahut kuchh....!
sumiran kar le mere mana
बस्स....
सुनना है !
मैं भी यही कहूंगा।
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