Saturday, December 20, 2008

सुरीली क्लेओपेट्रा स्ट्राटन


क्लेओपेट्रा स्ट्राटन एक चमत्कार का नाम है। ६-७ साल का यह चमत्कार प्रसिद्ध गायक पावेल स्ट्राटन की बेटी का नाम है। क्लेओपेट्रा को ज़रूर ही सुर अपने गायक पिता से जीन्स में मिले होंगे जो बगैर किसी ट्रेनिंग के उसने यकायक एक दिन गाना शुरु कर दिया।
इस छोटी सी गायिका के नाम गायकी के कई रिकार्ड हैं; वह भी तब जबकि वह अभी जुम्मा जुम्मा ६ साल की हुई है।
उन रिकार्डों में से कुछ की बानगी देखिये:
१ सबसे छोटी उम्र की प्रोफ़ेशनल गायिका।
२ सबसे कम उम्र गायिका जिसके नाम किसी देश में नंबर एक पर कोई गीत रहा है।
३ दो घंटे तक लाइव गाने वाली सबसे छोटी गायिका।
४ कम उम्र की कलाकारों में सबसे ज़्यादा कमाने वाली गायिका।
उसका सबसे मशहूर गाना "गिता" मैनें पहले यहां लगाया था। एक दूसरा गीत "Oare cat" भी उतना ही कर्णप्रिय है। इस गीत का अंग्रेजी तर्जुमा नीचे दिया है और नीचे ही गीत का लिंक भी है।
"how much"
I wonder how much is gonna tell me papa
to go to bed when night falls
mom isn't glad when she sees that
I put my dolls to sleep instead of me.

It comes through one ear and passes
through the other
when she tells me what I am supposed to do
and what I am not
she tells me to wash my hands after I play
with the dog


maybe I'll get luckier and I'll do
what I am not supposed to do
after all daddy isn't beating me
he just talks to me
I know that you don't like this but
remember you were like me
and I don't think you were different.

I wonder how much is gonna tell me papa..."


7 comments:

Ashok Pande said...

Brilliant post, Mahen.

Ashok Pande said...
This comment has been removed by the author.
शिरीष कुमार मौर्य said...

bahut achchhi post mahen !

sanjay patel said...

क्या कमाल की पोस्ट लगाई है महेन बाबू.क़ुदरत का जीता जागता करिश्मा लगती है ये बच्ची.कैसी ग़ज़ब की सुर-ताल में है. इसे सुनकर भाषा की हद जैसे ख़त्म सी प्रतीत होती है. सिध्देश्वर भैया,अशोक भैया,शिरीष भाई,एस.बी.सिंह साहब ऐसा नहीं लगता जैसे बचपन की नूरजहाँ गा रहीं हों ? (इसी महीने उनका जन्मदिन या पुण्यतिथि है शायद)अल्लाताला इस बच्ची को ख़ूब यश से नवाज़े.

siddheshwar singh said...

यह वरदान कायम रहे !

पारुल "पुखराज" said...

ADHBHUT!

शिरीष कुमार मौर्य said...

सही कह रहे हैं संजय भाई !
मेरे पास अशोक के दिए हुए भंडार में कुमार गंधर्व और सलामत अली खान के बचपन की आवाज़ें हैं! उन्हें सुनना भी ऐसा ही लगता है।