Saturday, March 5, 2011

अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है

चचा ग़ालिब एक जगह पूछते हैं -

सब्ज़ा-ओ-गुल कहाँ से आये हैं
अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है


इतनी बड़ी कायनात को देखकर इंसान धरती पर आने के बाद से लगातार हैरत करता आया है.

उरुग्वे के मशहूर लेखक और पत्रकार एदुआर्दो गालेयानो की तीन पुस्तकों की एक शानदार ट्रिलोजी है "मेमोरीया देल फुएगो". इसका पहला खंड १९८४ में छपा था. सृष्टि के निर्माण पर आधारित लातिनी इंडियनों के कुछ दिलचस्प मिथकों को गालेयानो ने इस खंड के वास्ते इकठ्ठा किया था. इनमें से तीन मैं आपके सम्मुख पेश करने जा रहा हूँ. आज पहला हिस्सा बादल पर.



बादल

बादल ने एक स्त्री की देह पर पानी की एक बूँद को गिर जाने दिया. नौ माह बाद उसने दो जुड़वां लड़कों को जन्म दिया.

जब बच्चे बड़े हुए, वे जानना चाहते थे की उनका पिता कौन है.

"कल सुबह उठकर तुम पूर्व की तरफ देखना. तुम्हारे पिता तुम्हें वहीं नज़र आएँगे - आसमान में किसी मीनार की तरह." माँ ने उन्हें बताया.

धरती और असमान से होते हुए जुड़वां भाई पिता की खोज करते करते जब बादल के पास पहुंचे तो बादल पक्का कर लेना चाहता था की वे उसी की संतानें हैं.

"कोई सबूत दो की तुम मेरे बच्चे हो."

एक भाई ने धरती की दिशा में कड़कती हुई बिजली रवाना कर दी. दूसरे ने तूफान. बादल को अब भी थोडा शक बचा हुआ था.

दोनों एक बाढ़ से होकर गुज़रे और बग़ैर गीला हुए बाहर निकल आये.

बादल ने अपनी बग़ल में उनके लिए जगह बना ली जहां अब वे अपने तमाम सगे और चचेरे भाईयों के साथ रहते हैं.


(अगली कहानी में हवा के बारे में एक दिलचस्प मिथक)

6 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

एकदम नया पहलू चीजों को देखने का।

जीवन और जगत said...

बढि़या मिथक। देश-विदेश के साहित्‍य से परिचय कराने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Shalini kaushik said...

आपका मिथक और ढंग दोनों बहुत पसंद आये.
http://shalinikaushik2.blogspot.com

अजेय said...

fantastic. bhai, gimmme more.....

अजेय said...

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