ज्यादा समय नहीं हुआ मेरे अजीज़ दोस्त फ़्रैडरिक स्मेटाचैक को गए हुए. १९७५ में फ्रेडी ने SAVE यानी सोसायटी ऑफ अपील फॉर वैनिशिंग एन्वाइरोनमेंट्स की स्थापना की थी. आज पुराने कागज़ तलाशते हुए मुझे SAVE का पहला बुलेटिन हाथ लगा. इसे फ्रेडी ने खुद टाइप और डिजाइन किया था.
इस बुलेटिन का पहला पन्ना फ्रेडी के सरोकारों की पुष्टि करता हुआ बताता है की उस असम्भव इंसान के लिए पर्यावरण बस हिमालय या सेव टाइगर्स जैसे छोटे नारों तक सीमित न था. फ्रेडी एक बेहतर और मुकम्मल संसार का हिमायती था.
इस पन्ने में नेशनल वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन न्यूज़ की एक रपट का रीप्रिंट छापा गया है.
१८५५ के साल अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के दुआनिश कबीले के सरदार ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन पीयर्स को ये शब्द लिखे थे -
"वाशिंगटन राज्य के महान सरदार ने संदेसा भेजा है की वह हमारी ज़मीन खरीदना चाहता है. आप आसमान को बेच या खरीद कैसे सकते हैं - या धरती के ताप को? हमारे लिए तो यह विचार ही अजीब है. यह अलग बात है की हवा की ताजगी या पानी की चमक पर हमारा कोई अधिकार नहीं. इन्हें आप हम से कैसे खरीद सकते हैं? इस धरती का हर हिस्सा मेरे कबीले के लोगों के लिए पवित्र है. चीड़ की एक-एक सुई एक-एक रेतीला तट जंगल की एक-एक अंधेरी रात एक-एक खुला मैदान और एक-एक गुनगुनाता पतंगा मेरे लोगों की स्मृति और अनुभव में पवित्रता से दर्ज हैं.
हम जानते हैं हमारा जीवन गोरे आदमी की समझ में नहीं आता. उस के लिए धरती का एक टुकड़ा बगल वाले टुकड़े जैसा ही होता है, क्योंकि वह रातों को आने वाला ऐसा अजनबी है जो धरती से अपने काम की चीज़ें जब चाहे चुरा ले जाता है. वह अपने पुरखों की कब्रें छोड़ जाता है और उस के बच्चों का जन्माधिकार बिसरा दिया जाता है.
गोरे आदमी के शहरों में कोई भी शांत जगह नहीं. कोई जगह नहीं जहां वसंत की पत्तियों या कीड़ों के परों की फड़फड़ सुनी जा सके. लेकिन चूँकि मैं जगली हूँ इसलिए समझ नहीं सकता - आपका शोर मेरे कानों के लिए एक अपमान ही है बस. वैसे जीवन में बचता ही क्या है अगर आप चिड़िया की कूक न सुन सकें या रात को तालाब के गिर्द मेढकों के तर्कों को न समझ पाएं.
गोरे लोग भी एक दिन इस संसार से चले जायेंगे - शायद बाकी कबीलों से पहले ही. तुम अपने बिस्तर को गंदा किए जाओ और एक रात तुम्हारे अपने कचरे से तुम्हारा दम घुट जाएगा. जब सारी भैंसें काटी जा चुकी होंगी, सारे जंगली घोड़े पालतू बना लिए गए होंगे, कहाँ होंगे आदमियों की गंध से अटे जंगलों के गुप्त कोने और कहाँ वे पहाड़ी दृश्य? - वे जा चुके होंगे. बाज़ कहाँ होगा? - जा चुका होगा. जीवन का अंत हो चुका होगा - तब शुरू होगा बचे रहने का युद्ध."
3 comments:
अपना बिस्तर गन्दा किये जाओ, उसी में दम घुट जायेगा।
क्या सटीक कहा, यही हो रहा है बस।
thnx a lot for sharing this gem.
तितली वाला फ्रेडी
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