Saturday, July 16, 2011

तनी धीरे से बोलो कोई सुन लईगा

हबीब वली मोहम्मद साहब के बिना उर्दू ग़ज़ल गायकी का इतिहास नहीं लिखा जा सकता. उनकी गाई एकाधिक ग़ज़लें कबाड़ख़ाने पर जब-तब सुनाई जा चुकी हैं. आज उन्हीं को सुनिए एक बिल्कुल मुख़्तलिफ़ अन्दाज़ में -



डाउनलोड लिंक -

http://www.divshare.com/download/15292168-8bd

हबीब साहब की कुछ ग़ज़लों के लिंक ये रहे -

तुम आये हो न शब-ए-इन्तेज़ार गुज़री है

वो गाये तो आफ़त लाये है सुर ताल में लेवे जान निकाल

वो बात सारे फ़साने में जिसका ज़िक्र न था, वो बात उन को बहुत नागवार गुज़री है

No comments: