Saturday, January 28, 2012
मारियो मिरान्डा की यादें - २
(ऊपर से नीचे - बाज़ार, क्योटो में मंदिर, शीर्षकहीन, बम्बई में ज़िन्दगी, कोने पर खड़ा शख्स)
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
चित्र देखने का आनन्द था इनमें..
January 29, 2012 at 9:09 AM
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चित्र देखने का आनन्द था इनमें..
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