पोलैंड के बड़े कवि चेस्वाव मीवोश एक जगह लिख चुके हैं -
"अश्लील बना दिया गया ज्ञान खास तौर पर इस अहसास को जन्म देता है कि हरेक चीज़ समझी और समझाई जा सकती है. यह पुलों की एक ऐसी प्रणाली जैसा होता है जिन्हें खाइयों के ऊपर बनाया गया हो. आप बहादुरी के साथ, खाइयों को नज़रअंदाज़ करते हुए इन पुलों पर से होकर गुज़र सकते हैं. उन्हें देखने पर पाबंदी होती है; मगर अफ़सोस, हम इस तथ्य को नहीं बदल सकते कि उन खाइयों का अस्तित्व है."
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