स्वांतः सुखाय
कुमार अम्बुज
जो स्वांतः सुखाय था
उसकी सबसे बड़ी कमी सिर्फ यह नहीं थी
कि उसे दूसरों के सुख की कोई फ़िक्र न थी
बल्कि यह थी कि वह अक्सर ही
दूसरों के सुख को
निगलता हुआ चला जाता था.
कुमार अम्बुज
जो स्वांतः सुखाय था
उसकी सबसे बड़ी कमी सिर्फ यह नहीं थी
कि उसे दूसरों के सुख की कोई फ़िक्र न थी
बल्कि यह थी कि वह अक्सर ही
दूसरों के सुख को
निगलता हुआ चला जाता था.
2 comments:
वाह!!!
लाजवाब.....
सच में गहरा..
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