जनाब ज़िया मोहिउद्दीन से पहलेपहल मेरा परिचय प्रिय मित्र इरफ़ान के माध्यम से हुआ था. फैसलाबाद में जन्मे हरफनमौला ज़िया साहब की ट्रेनिंग १९५० के दशक के शुरुआती सालों में लंदन के रॉयल अकेडमी ऑफ ड्रैमेटिक आर्ट्स में हुई थी. उस दौर में बतौर अभिनेता उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की फ़िल्में और नाटक हैं. अलबत्ता १९६० में वे वापस पकिस्तान आ गए और वक्त के साथ साथ उन्हें सबसे ज़्यादा ख्याति उनके रचना पाठों ने दिलवाई. आज से उनके कुछेक पाठ आप को यहाँ सुन ने को मिलेंगे. आज सुनिए उनकी आवाज़ में चौधरी मोहम्मद अली रदौलवी का एक खत -
इरफ़ान के ब्लॉग पर यहाँ भी सुनिए ज़िया साब को - आइये जिया साहब से एक बार फिर पढ़ना सीखें
2 comments:
सुब्हान अल्लाह . शेयर कर रहा हूँ.
क्या खूब! क्या तो खत और कितने ग़ज़ब का उसका पाठ!
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