गाबो का उपन्यास मेमोरीज़ ऑफ
माई मैलेन्कली होर्स नब्बे साल के एक सनकी बूढ़े का आत्मवृत्त है. घनघोर एकान्तप्रेमी,
गैरसामाजिक और वेश्यागामी यह बूढ़ा एक स्थानीय अखबार के लिए साप्ताहिक कॉलम जैसा
कुछ लिखता है. छोडिये! गाबो की कोई भी कहानी हम जैसे मनुष्यों द्वारा बताई कैसे जा
सकती है, उसके लिए तो आपको किताब पढनी ही होगी.
इधर कुछ दिन हुए इस किताब
को शायद तीसरी दफा समाप्त करने के बाद भी एक पंक्ति पीछा नहीं छोड़ रही –
“ ... I never had intimate
friends, and the few who came close are in New York; by which I mean they are
dead, because that’s where I suppose condemned souls go in order not to endure
the truth of their past lives. ...”
3 comments:
भेज दो या मुझे भी न्यूयार्क भेज दो
न्यूयार्क। कुछ टुकड़ों का हिन्दी अनुवाद चिपका दीजिए। और गाबो, वाह, वाकई।
...गाबो जिंदाबाद
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