पाकिस्तान से खबर
-राजेश सकलानी
वो जो पाकिस्तान महिला बल की टुकड़ी में दिखाई दी
शायद उसे मैं जानता था
उसने जोर से आवाज़ लगाई गुस्से के अभिनय में
चेहरे की मांसपेशियां खींचती हुईं ठीक से पहचान में आईं
मुझे छोटी सी हंसी आई
देर तक न मिलो तो भाई-बहन भी एक-दूसरे की
शक्लें भूल जाते हैं
पीछे के दृश्य में कुछ घर और पहाडियां हैं
हरे-भरे में बंदूकें भी थोड़ा मासूम लगती हैं
उधर के बारे में जो ख़बरें हैं उनमें छिपा यह दृश्य
समझो बस गलती से बचा रह गया है.
वे मेरी ओर देखेंगे तो ज़रूर पहचानेंगे.
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