आज़ाद भारत की सबसे दारुण छवियों में हैं जल सत्याग्रह की ये तस्वीरें जो पिछले कई दिनों से आत्मा को घायल किये हुए हैं.
संसद को कोयले की कालिख को हाथ से छुडाने की तरकीबों के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा - न दिन न रात.
शर्मसार हूँ.
मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांधों की डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों का जल सत्याग्रह केवल अपनी न्यायोचित मांगों के लिए है. उच्चतम न्यायालय के आदेशों की ऐसी तैसी करते हुए सरकार और एक निजी कम्पनी ने इन बांधों का निर्माण कराया है. सप्ताह भर से अधिक समय से चल रहे इस आन्दोलन के बाद कई आन्दोलनकारी बीमार पड़ने लगे हैं. उनके पैरों पर छले पड़ चुके हैं और पानी का स्टार उनकी ठोड़ी तक आ चुका है. कई गाँव जलमग्न हो चुके हैं और सरकार ...
आप अपने स्तर से कैसा भी विरोध कर सकने में सक्षम हों, तो अवश्य करें. लिखें, लोगों को बताएँ ... कुछ करें ज़रूर.
8 comments:
अरे ये कब और कहाँ हुआ । कुछ सुना ही नहीं । क्या ये बाढ़ है या जान बूझ कर लोग यों पानी में हैं । कुछ विवरण होता तो आसानी होती । कोई लिंक ही डाल दें तो मेहरबानी होगी ।
ओह ये तो निःसंदेह दुःखद है । इस ओर तो किसी का ध्यान गया नहीं लगता ।
हां, अशोक भाई। देख कर गुजर जाने वालों के लिए ये सुंदर रंगीन छवियां हो सकती हैं। आखिर हादसों पर भी टूर आयोजित कराए ही जाते हैं। शर्मसार देश के साथ आपका सवाल- क्या वाकई, सब कुछ कह देता है। निर्लज्ज देश ने अपने परेशान हाल लोगों से आंखें फेर ली हैं। विचलित करने वाले और अपनी बेबसी पर शर्मिंदा करने वाले दृश्य हैं।
पिछले दो दिन से ये तस्वीरे टी वी चैनल दिखा तो रहे हैं लेकिन बांध विरोध के कारणों के बारे में लगभग चुप हैं
DESH WAAKAI SHARMSHAAR HAI...
YE DESH AUR LOKTANTRA KE LIYE SHARMNAK HAI,HAL KI SARKARON NE BAKAYDA DESH K APNI JAGIR SAMAJH KAR JAN VIRODHI NITIYON KO LAGU KARNE KA KAM KIYA HAI,AUR SARKAR CHALA RAHE LOG ZOR DEKAR MANMANI KARTE HUYE YE KEHTE HAIN KI JANTA NE 5 SAL TAK HUMEN MANMANI KARNE KI CHHOOT DE DI HAI
BANDH VIRODH ME NA YE SARKAR BOLEGI NAHI KOI POLITICAL PARTY KYUNKI LEFT KO CHHORKAR SAB KE SAB POONJIWAD KE HI PAIROKAR HAIN
very sad indeed.
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