पिछला लम्बा अरसा अनेक लगातार लगातार मरहूम उस्ताद मेहदी हसन खान साहब को सुनने में बीता. आज आपको सुनवाता हूँ उनकी एक दुर्लभ कम्पोज़ीशन - तू आ जा रसिया नदिया किनारे मोरा गाँव
अशोक जी,मैं मेंहदी हसन का फैन हूं और आपका शुक्रगुज़ार कि आपने ऐसी अदृभुत रचना मुझे सुनवाई। क्या आप बता सकते हैं कि इसे डाउनलोड कहां से किया जा सकता है। आभारी रहूंगा।
3 comments:
अशोक जी,मैं मेंहदी हसन का फैन हूं और आपका शुक्रगुज़ार कि आपने ऐसी अदृभुत रचना मुझे सुनवाई। क्या आप बता सकते हैं कि इसे डाउनलोड कहां से किया जा सकता है। आभारी रहूंगा।
सुरेन्द्र जी
इस लिंक से डाऊनलोड करें -
http://www.divshare.com/download/19498349-2dc
कबाड़खाने में पधारने का शुक्रिया.
बहुत बहुत धन्यवाद । रेयर कलेक्शन सुनवाने के लिए आभारी रहूंगा।
Post a Comment