Monday, November 5, 2012

मूरख मैली कीन्ही चदरिया



बीकानेर में रहने वाले खानदानी मीरासी गायक मीर मुख्तियार अली की आवाज़ में पेश है कबीरदास जी का एक भजन. इनके बारे में कल कुछ और दिलचस्प बातें बतलाता हूँ और उनके संगीत की कुछ बानगियाँ भी पेश करता हूँ.





3 comments:

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

बहुत सुन्दर .. भजन ही कहूँगी ..धन्यवाद

मृत्युंजय said...

थंक उ असोक दादा.

अजेय said...

अनूप जलोटा को सुना था , भोपा गायकों से भी सुना ........ यह कुछ अलग है. और सुन कर गायन के बारे विचार बदल रहे हैं .