Tuesday, November 6, 2012

उनका बोलना कोई यात्रा नहीं एक जगह पर क़दम ताल की तरह होता है - शुभा का गद्य - सात


अधूरी बातें – ४

-शुभा

कुछ लोग समझते हैं कि बोलना ही एक्सप्रैशनहै और एक्सप्रैशन हर आदमी का अघिकार है. विचारों का संग्रह संगत ढंग से प्रस्तुत कर देना कोई एक्सप्रैशन नहीं है. एक्सप्रैशन का अर्थ है अभिव्यक्ति यानि आत्माभिव्यक्ति. आत्मपक्ष न पहचानना, न बनाना, उसके लिए आत्मसंघर्ष न करना और बने बनाये विचार दूसरों के लिए प्रस्तुत करना अभिव्यक्ति नहीं घटिया आत्मप्रदर्शन, शेख़ी और ताक़त का इस्तेमाल है. ऐसे लोग बोलते हुए सैल्फ़़-रिफ़्लैक्टिवनहीं होते. उनका बोलना कोई यात्रा नहीं एक जगह पर क़दम ताल की तरह होता है. उनकी आवाज़ और टोन में एक तरह की संवेदनहीनता होती है. भाषणोंसे लोग इसलिए भी चिढ़ते हैं. जिस आदमी के पास सचेत आत्मपक्ष होता है उसे दूसरों के विमर्श में भी बहुत अभिव्यक्ति मिलती है. जो आदमी संगीत सुनकर अभिव्यक्ति नहीं पाता वह घन्टों चिल्ला चिल्लाकर गाते हुए भी अभिव्यक्ति नहीं पा सकता.

(‘जलसा’ पत्रिका से साभार)

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