Saturday, December 29, 2012

और थोड़ी सी शर्म दे मौला!


देश की बहादुर बेटी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु ने जनमानस को झकझोरना ही चाहिए. अनवर सुहैल अपनी रचना ‘दुआ’ में  यही कह रहे हैं –

दुआ

अक़्ल वालों को 
अक़्ल दे मौला

इल्म वालों को
इल्म दे मौला

धर्म वालों को 
धर्म दे मौला

और थोड़ी सी
शर्म दे मौला!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

सबको सम्मति दे भगवान..