“हम अपने धन, अपनी साक्षरता, अपनी
टैक्नोलोजी और अपनी तरक्की को खर्च कर चुकने के बाद अवास्तविकता के ऐसे झुरमुट बना
चुके हैं जो हमारे और जीवन के तथ्यों के दरम्यान खड़े हैं ... हमारी अपनी कारगुजारियों
ने सच्चाई को हमसे छिपाना और हमारी संवेदनागत वास्तविकता को भरमाना शुरू कर दिया
है, और वह अंधाधुंध तरीके से हमें नायकों के संसार से सेलेब्रिटीज के संसार
की तरफ ले जा रही है. यात्रियों की जगह पर्यटकों में तब्दील हो गए हैं हम.”
-डेनियल बूर्सटिन
2 comments:
सही बताया।
वाह.. क्या अनुवाद है बड़बाज्यू..!!
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