Monday, June 17, 2013

झनक झनक पायल बाजे - उस्ताद अमीर खाँ


अवश्य ही यह विख्यात बंदिश कभी न कभी आपने ज़रूर सुनी होगी. बड़े गुलाम अली खाँ साहब से लेकर मन्ना डे तक न जाने कितने ही बड़े गवैये इसे स्वर दे चुके हैं लेकिन अमीर खाँ साहब के यहाँ यह बंदिश एक दूसरा ही आयाम ग्रहण कर लेती है – ऐसा केवल और केवल यही महान फ़नकार कर सकता था. रस लीजिए -

1 comment:

नीरज गोस्वामी said...

बहुत दिनों के बाद ब्लॉग पर आने के लिए क्षमा मांगता हूँ .

लाजवाब