एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि लोग सो रहे थे, कुछ पूजा कर रहे थे, घूम रहे थे तभी अचानक बहुत भारी मात्रा में पीछे से पत्थर, मलबा, पानी आया. ये इतनी तेजी से आया कि कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही वे मलबे की चपेट में आ गए. ये मलबा बीच-बाजार से गुजरा. सिर्फ मंदिर दिख रहा है बाकी पीछे के होटल, लॉज, मंदिर का मुख्य द्वार सब पानी में बह गए. कई लोग मलबे के नीचे दबे और उनके बचने की कोई संभावना नहीं लगती.
बताया गया कि केदारनाथ एक श्मशान घाट में बदल गया है. मंदिर के आसपास लाशें पड़ी हैं. मंदिर के आसपास का बाजार, दुकान, घर, होटल सब तबाह हो गई हैं. वहां अब कुछ नहीं बचा है. हेलीकॉप्टर के जरिए जिन लोगों को बचाकर लाया जा रहा है वो रो रहे हैं क्योंकि किसी के मां-बाप नहीं हैं तो किसी के बच्चे. नुकसान का सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है.
चश्मदीदों का दावा है कि केदारनाथ मंदिर के अलावा यहां कुछ नहीं बचा है. केदारनाथ में हुई तबाही का आकलन अभी तक नहीं किया जा सका है. केदारनाथ के बाद गौरीकुंड में भी भारी तबाही हुई है. केदारनाथ, गौरीकुंड और रामबाड़ा में जान-माल का कितना नुकसान हुआ है. इसका अंदाजा भले ही अभी नहीं लग पाया हो लेकिन यहां भारी तबाही हुई है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता.
(धाद की फेसबुक वॉल से)
4 comments:
ओह कुदरत का कहर :-(
नियति के हाथों मजबूर हैं.....
बेहद दुखद..
अनु
दुखद!
कुदरत का इंतकाम
Post a Comment