पुर में कलचरचोर पधारा
-संजय चतुर्वेदी
पुर में कलचरचोर पधारा.
सुर में खुर लटकाय लफंगा कलाभवन के द्वारा
सरस्वती का दामन खींचे सीलहीन मक्कारा
साधुकर्म के पैसे देता संतन का हत्यारा.
सत्तासुख में बुड्ढों की कामुकता का चटकारा
भडुए संत समान समय है कैसा कठिन हमारा.
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