Sunday, June 9, 2013

मैं युवा नहीं रहा अब, लेकिन कोई दूसरा हमेशा होता है मुझसे अधिक बूढ़ा

विख्यात पोलिश कवि आदम ज़गायेव्स्की (जन्म २१ जून १९४५) की एक कविता


सेल्फ़-पोर्ट्रेट

-आदम ज़गायेव्स्की

कम्प्यूटर, एक पेन्सिल और एक टाइपराइटर
के बीच गुज़र जाता है मेरा आधा दिन. एक दिन गुज़र चुकी होगी आधी सदी.
मैं रहता हूँ अजनबी शहरों में और कभी कभी
अबूझ अजनबी मसलों पर बातें करता हूँ अजनबियों के साथ.
ख़ूब संगीत सुनता हूँ – बाख़, मेह्लर, शोपाँ, शोस्ताकोविच.
मुझे तीन तत्व दीखते हैं संगीत में – अशक्तता, शक्ति और दर्द.
चौथे का कोई नाम नहीं होता.
मैं मृत और जीवित कवियों को पढ़ता हूँ, जो मुझे सिखलाते हैं
दृढ़ता, विश्वास और गौरव. मैं महान दार्शनिकों को
समझने का जतन करता हूँ – लेकिन उनके मूल्यवान विचारों
की छीलन भर ही पकड़ में आ पाती है. मुझे पेरिस की सड़कों पर टहलना
और ईर्ष्या, गुस्से और लालसा के वशीभूत
तेज़ तेज़ चल रहे अपने साथी मनुष्यों के देखना अच्छा लगता है;
और पसंद है एक से दूसरे हाथ जाते अपना आकार खोते जा रहे
चाँदी के सिक्के का सुराग लगाना (राजा की आकृति घिस चुकी उस में से).
मेरी बगल में कुछ भी अभिव्यक्त नहीं करते पेड़
सिवा एक बेपरवाह, हरी सम्पूर्णता के.
स्पानी विधवाओं की मानिंद इंतज़ार करतीं
काली चिड़ियाँ मंद क़दमों से नापती हैं खेतों को.
मैं युवा नहीं रहा अब, लेकिन कोई दूसरा हमेशा होता है
मुझसे अधिक बूढ़ा.
मुझे पसंद है गहरी नींद, जब नहीं रहता मेरा अस्तित्व,
और देहात की सड़कों पर तेज़-रफ्तार मोटरसाइकिल की सवारी करना जब
पोपलर के पेड़ और मकानात
धूपदार दिनों में आपस में घुलमिल जाते हैं बादलों के झुंडों जैसे.
कभी कभी संग्रहालयों में पेंटिंग्स मुझसे बातें करती हैं
और अचानक अदृश्य हो जाती है विडम्बना.
मुझे बहुत अच्छा लगता है अपनी पत्नी का चेहरा देखना.
हर इतवार को टेलीफोन करता हूँ अपने पिता को.
हर सप्ताह मिलता हूँ अपने दोस्तों से,
इस तौर साबित करता अपनी वफ़ादारी.
मेरे देश ने खुद को मुक्त किया था एक बुराई से. चाहता हूँ
अब हो एक और मुक्ति.
क्या मैं कुछ मदद कर सकता हूँ इस में? मुझे पता नहीं.
सच में मैं नहीं हूँ महासागर की संतान
जैसा कि आंतोनियो माचादो ने लिखा था अपने बारे में.
हूँ अलबत्ता हवा, पोदीने और वायोलिन की संतान
और स्वर्ग के तमाम रास्ते
नहीं गुजरा करते काटते हुए जीवन के रास्तों को – जो अब तक
सिर्फ मेरा है.

3 comments:

neelotpal said...

सुंदर कविता

neelotpal said...

सुंदर कविता

neelotpal said...

सुंदर कविता