Monday, July 8, 2013

ज़ुबान में स्यूडो इंग्लिश, वासनाओं में स्यूडो अमेरिकन


प्रतिनिधि स्वर

-संजय चतुर्वेदी

जैसे समय में एक स्यूडो समय बनाया जाता है
जनता में एक स्यूडो जनता बनाई जाती है
और इसी अर्हता के दम पर
मै अपने समय का प्रतिनिधि स्वर हूँ

ज़ुबान में स्यूडो इंग्लिश
वासनाओं में स्यूडो अमेरिकन
विचार में स्यूडो मार्क्सवादी
पद्धति में स्यूडो मैकॉले
राजनीति में स्यूडो सेक्यूलर

मैं कविता में स्यूडो पोएट्री
और उसके कारोबार में स्यूडो पोएट हूँ
स्यूडो चिंताओं की गद्दी पर बैठी
संस्कृति की इस स्यूडो विनम्रता में
अपनी स्यूडो कामयाबी पर इतराता

लेकिन आप इतने से ही घबराइये मत
अभी तो मुझे फ़ुल काम करना है.


('कल के लिए' के अक्टूबर २००४-मार्च २००५ अंक में प्रकाशित)

1 comment:

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

कविता अच्छी और सच्ची है। स्यूडो रीयल नहीं।