सभी लुजलुजे
हैं
-रघुवीर
सहाय
खोंखियाते
हैं, किंकियाते हैं, घुन्नाते
हैं
चुल्लू में
उल्लू हो जाते हैं
मिनमिनाते
हैं, कुड़कुड़ाते हैं
सो जाते हैं, बैठ जाते हैं, बुत्ता
दे जाते हैं
झांय-झांय
करते है, रिरियाते हैं,
टांय-टांय
करते हैं, हिनहिनाते हैं
गरजते हैं, घिघियाते हैं
ठीक वक़्त
पर चीं बोल जाते हैं
सभी लुजलुजे
हैं, थुलथुल है, लिब-लिब हैं,
पिलपिल हैं,
सबमें पोल
है, सब में झोल है, सभी लुजलुजे
हैं.
1 comment:
NICE
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