क्लोरोफ़िल
- माज़ेन मारूफ़
वह
लकड़ी
बग़ैर
मोहब्बत जिसका इस्तेमाल किया गया
जहाज़
के पंख
और
खिड़कियाँ बनाने में,
वह
लकड़ी
जिसमें
निवास करती हैं सैकड़ों चिड़ियों की आत्माएं
तब
से जब वह हिस्सा थी एक दरख़्त का,
वे
टंगी रहती हैं उससे,
जब
वे सोच रही थीं अपने नन्हे शिशुओं की त्वचा की बाबत
और
सोच रही थी
ये
पत्तियाँ, जो बचाएंगी मुझे हवा से ...
अब
वे नहीं हैं ...
उस
खिड़की की लकड़ी
जानती
है
कि
उसकी छाल के नीचे पंख हैं,
कि
किसी दिन
वह
निकल भाग सकेगी
इन
वर्गाकारों से
जो
बनाए गए थे उसके लिए
वह
उड़ जाएगी ऊपर
कामगारों
का पसीना पोंछती हुई अपनी त्वचा से
गर्व
से बताती
स्कूलबस
का इंतज़ार कर रहे बच्चों को
कि
उसका स्रोत था
गौरैयों
के एक झुण्ड में.
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