पोस्ट-इम्प्रेश्निस्ट चित्रकार मिशेल
काशेला (१८९२-१९८९) का जन्म इटली के मारे प्रदेश के ओरतोना में ७ सितम्बर १८९२ को हुआ
था. वे सात भाई-बहनों में दूसरे थे. उनके पिता बासीलियो काशेला चित्रकार, सेरेमिस्ट
और लिथोग्राफर थे जबकि ओरतोना में ही जन्मे उनके दादा फ्रांसेस्को काशेला महिलाओं
की पोशाकें सिलने का काम किया करते थे. उनकी माता कोन्चेता उस इलाके के एक विख्यात
पशुचिकित्सक की पुत्री थीं.
मिशेल के
पिता उनके पहले और सबसे प्रभावी अध्यापक रहे. बासीलियो के पैदा होने से पहले वे
नेपल्स, मिलान, वेनिस और लन्दन जैसी जगहों पर काम कर आए थे. १८९५ में वे सपरिवार
वापस ओरतोना आ बसे. यहाँ आने पर उन्हें ज़मीन का टुकड़ा दिया गया जिस पर उन्होंने
क्रोमोलिथोग्राफी की प्रयोगशाला और एक कला स्टूडियो बनाने का काम करना था. आज भी
यह स्थान म्यूज़ियो सिविक बासीलियो काशेला के नाम से जाना जाता है और यहाँ काशेला
परिवार की तीन पीढ़ियों का काम पांच सौ कलाकृतियों की सूरत में संगृहीत है. इनमें
से ज़्यादातर कार्य बासीलियो का है जबकि बाकी उनके पुत्रों तोमासो, मिशेल और
गियाकीनो और तोमासो के बेटों आन्द्रेया और पीएत्रो का है. आन्द्रेया और पीएत्रो
ख्यात शिल्पी हैं. १८९९ से अपनी मृत्यु तक बासीलियो ने एक एक कर तीन पत्रिकाएं निकालीं. इन
पत्रिकाओं में उस समय के सबसे मशहूर इतालवी साहित्यकारों का काम छापा गया.
मिशेल
काशेला के जीवन के बारे में आगे आपको अगली पोस्ट्स में बताया जाएगा. आज शुरू करता
हूँ उनके चित्रों की सीरीज़ -
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