मिशेल ने अपना प्रारभिक
स्कूल ख़ासी परेशानियों के बाद समाप्त किया. उनके अध्यापक कहते थे कि मिशेल हमेशा
अपनी ही दुनिया में रहा करते थे. अगले साल जब उनके कला-अध्यापक ने कक्षा में उनका अपमान किया तो उन्होंने स्कूल को विदा कह
दिया. उनकी माता जो बहुत धार्मिक विचारों वाली थीं, चाहती थीं कि बेटा पादरी बने
जबकि सोशलिस्ट विचारधारा वाले पिता उन्हें अपने जैसा कलाकार बनाना चाहते थे. मिशेल
ने तुरंत बाद ही पिता द्वारा स्थापित की गयी क्रोमोलिथोग्राफी की प्रयोगशाला में
काम करना शुरू कर दिया. पिता ने मिशेल को काली ग्राफिक इंक लोरीलौ की मदद से
लिथोग्रफिक स्टोंस पर डिजाइनों के बैकग्राउंड बनाने और साथ ही उस्ताद चित्रकारों
लेओनार्दो, पीसानेलो, बोतीचेली और दोनातेलो की प्रतिलिपियाँ बनाने का ज़िम्मा सौंपा.
(जारी)
(जारी)
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