आई लव
यू
-नाज़िम
हिकमत
तुमसे
मोहब्बत करता हूँ
जैसे डबलरोटी
में नमक लगाना होता है और खाना उसे
जैसे
रात को जागना तेज़ बुख़ार में
और होता
है टोंटी पर लगा अपना मुंह लगाये पानी पीना,,
जैसे फड़फड़ाते, ख़ुश होते, शंकाओं से भरे खोलना होता है
डाकिये
का लाया भारी पार्सल
जिसके
भीतर, कतई नहीं मालूम क्या है
तुमसे
मोहब्बत करता हूँ
जैसे हवाई
जहाज़ में पहली बार समुन्दर के ऊपर सफ़र करना होता है
जैसे कोई चीज़
खिसकती है मेरे भीतर
जब हौले से अँधेरा
घिरता है इस्ताम्बूल में
मोहब्बत करता
हूँ तुमसे
जैसे होता है शुक्रिया करना परवरदिगार का कि जी रहे हैं हम.
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