Friday, January 9, 2015

कैसी कैसी क्रिकेट कमेंट्री – 7 – हावर्ड मार्शल

ब्रैडमैन का रेकॉर्ड तोड़ने के बाद लेन हटन को बधाई देते ऑस्ट्रेलियाई फ़ील्डर

१९३७ में सम्राट जॉर्ज षष्ठम के सत्तारोहण के बाद मार्शल की कमेंट्री कुछ समय बंद रही और वे कमेंट्री बॉक्स में अगले साल यानी १९३८ की एशेज़ सीरीज के लिए वापस आये. यह सीरीज उनके कमेंट्री करियर का वह मरहला साबित हुई जिसे अंग्रेज़ी में वाटरमार्क कहते हैं.

उनकी आवाज़ दूर-दूर तक पहुँच रही थी. ऑस्ट्रेलिया में उनके हज़ारों प्रशंसक बन गए थे. जब मैनचेस्टर टेस्ट बारिश के कारण धुल गया तो ऑस्ट्रेलिया से बेशुमार ख़त आये जिनमें मार्शल की अद्भुत आवाज़ को ‘मिस’ करने का ज़िक्र रहता था.

उनकी आवाज़ की शालीनता और तटस्थता कईयों को हैरत में डाल दिया करती. एक बार स्टेन मैकैब के आउट होने पर जब उन्होंने थोड़ी सी भावनात्मक कमेंट्री की तो ‘ग्लासगो हेराल्ड’ ने लिखा: “जनाब मार्शल ने आज एक आमतौर पर स्वीकृत इम्प्रेशन को सफलतापूर्वक झुठला दिया कि अगर खुदा न करे डॉन ब्रैडमैन विकेट पर गिर पड़ें और अल्लाह के प्यारे हो जाएं तो भी वे ऐसा नहीं करते जैसा उन्होंने आज किया. यानी उनकी आवाज़ जिस तरह ऊंची हो गयी. शनिवार को जब मार्शल साहब दो बजकर बीस मिनट पर तशरीफ़ लाये तो वे मैकैब को फार्न्स द्वारा फेंके जा रहे एक ओवर का वर्णन कर रहे थे. उनकी खूबसूरत आवाज़ आसानी से तैर रही थी. छुट्टी मनाने आये और लंच के बाद अपनी डेकचेयर पर बैठे किसी दर्शक को सूरज की मुलायम धुप जिस तरह सुकून देती है, वैसी सुकूनभरी थी उनकी आवाज़. और तब वह हैबतनाक चीख़! जैसे कि मिस्टर मार्शल ने अपने टॉन्सिल्स निगल लिए हों – ही’ज़ आउट

ओवल में खेले जा रहे निर्णायक मैच के लिए समूचा ब्रिटिश साम्राज्य हावर्ड मार्शल की आवाज़ सुन रहा था. यह कई लोगों का मानना है कि उनकी आवाज़ के बिना लेन हटन की ३६४ की पारी उतनी विख्यात हो ही नहीं सकती थी. हटन के वर्ल्ड रेकॉर्ड को क्रिकेट कमेंट्री के पहले उस्ताद ने इस तरह बयान किया था: “हेयर इज़ स्मिथ-फ्लीटवुड अगेन. आह, देयर वी आर, देयर्स द रेकार्ड. राउंड द कार्नर, एंड इट्स गोइंग फॉर फोर डाउन देयर, आई डोंट थिंक हैसेट कैन पॉसिबली कट इट ऑफ. आह वैल, दैट्स गॉन फ़ॉर फोर. एंड दैट इज़ द रेकॉर्ड. द हाईएस्ट स्कोर एवर मेड बाई एन इंडीविजुअल इन एनी काइंड ऑफ़ टेस्ट मैच. इट्स बीटन ब्रैडमैन्स रेकॉर्ड इन इंग्लैण्ड ऑस्ट्रेलिया सीरीज, ही’ज़ बीटन हैमंड्स रेकॉर्ड इन आल काईन्ड्स ऑफ़ टेस्ट मैचेज़ एंड, देयर वी आर, ही’ज़ ऑन द टॉप ऑफ़ द वर्ल्ड एंड द हार्टीएस्ट पॉसिबल कान्ग्रेचूलेशन्स टू हिम.”

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मार्शल युद्ध रिपोर्टिंग के निदेशक बने. डी-डे लैंडिंग के समय नोर्मंडी बीच से हुआ विख्यात ब्रॉडकास्ट उन्होंने ही किया था. १९४५ में उन्होंने विक्ट्री टेस्ट की कमेंट्री की लेकिन तब तक वास्तविक टेस्ट क्रिकेट शुरू हो चुका था. उस समय तक वे जीवन में और बड़ी चीज़ें करने लगे थे जिसका क्लाइमेक्स तब आया जब १९५३ में उन्होंने जॉन आर्लट के साथ महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के आरोहण का आँखों देखा हाल सुनाया था.

उन्होंने इस्पात उद्योग में पर्सोनल एंड पब्लिक रिलेशन के मुखिया के तौर पर काम किया, क्रिकेटसमेत अन्य खेलों, गृहनिर्माण और खोजी अभियानों पर तमाम किताबें लिखीं, फिशिंग की दो प्रमुख पत्रिकाओं ‘एन्ग्लिंग टाइम्स’ और ‘सामन’ की स्थापना की और ख़ूब क्रिकेट कमेंट्री की. याद उन्हें अलबत्ता क्रिकेट कमेंट्री के लिए ही किया जाता है और रहेगा.

उनके बारे में जॉन आर्लट ने बाद में लिखा: “वे शानदार तरीके से क्रिकेट के लिए बने थे. उनकी आवाज़ गहरी, गर्मजोशी से भरपूर और बगैर जल्दबाज़ी वाली होती थी. वे खेल को लेकर तटस्थ रहते थे और खेल में शामिल लोगों के प्रति उनके मन में गहरा सम्मान रहता था.”

ब्रायन जॉनस्टन ने उन्हें ऐसे ही शब्दों में याद करते हुए कहा कि “अगर आज के समय में बीते समय के किसी भी एक क्रिकेट कमेंटेटर को स्वीकार किया जा सकेगा तो वह हावर्ड मार्शल होंगे. उनकी तकनीक और क्रिकेट का ज्ञान ऐसे ज़बरदस्त थे.”

उनके बारे में सबसे शानदार टिप्पणी कवि एडमंड ब्लंडन ने की: “एंड देन ऑन द एयर, मिस्टर हॉवर्ड मेक्स एवरी बॉल बोल्ड, एवरी शिफ्टिंग ऑफ़ अ फील्ड्समैन सो फर्टाइल विद मीनिंग दैट एनी वायरलैस सैट मे मेक अ सटल स्टूडेंट ऑफ़ एनीबडी.”


(समाप्त)             

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