यह
कविता कैरेन आन-ह्वेई ली की लिखी हुई है. १९७३ में जन्मीं चीनी मूल की कवि,
अनुवादिका और आलोचक कैरेन की दो किताबें छपी हैं – फ़ाइला ऑफ़ जॉय (२००८) और इन
मेदियास रेस: पोयम्स (२००४). उन्हें कैथरीन ए. मॉर्टन प्राइज़ और पोयट्री सोसायटी
ऑफ़ अमेरिका का नोर्मा फेबर फर्स्ट बुक अवार्ड हासिल हो चुका है. साहित्यिक आलोचना
की उनकी एक कृति को कैम्ब्रिया सिनोफोन वर्ल्ड सीरीज़ में प्रकाशन के लिये चुना गया
है. एनईए फेलोशिप प्राप्त कर चुकीं कैरेन आन-ह्वेई ली फिलहाल ग्रेटर लॉस एंजेल्स के
लिबरल आर्ट्स कॉलेज में अंग्रेज़ी की पूर्णकालिक प्रोफ़ेसर हैं. वे अमेरिका के नेशनल
बुक क्रिटिक्स सर्कल की सम्मानित सदस्य हैं.
कैरेन की कुछ कवितायेँ इस लिंक पर पढ़ी जा सकती हैं - फ़ोर पोयम्स बाई कैरेन आन-ह्वेई ली
चांदनी
की मदद से अपने पिता को मिटाता है काफ़्का
-कैरेन
आन-ह्वेई ली
प्यारे
मैक्स*-
आत्मस्वीकारोक्ति.
एक सपने में
मैंने
हरमन* के बदले ले ली चांदनी.
ना,
ना, बदले या में उसकी जगह नहीं. मैंने मिटा दिया.
चांदनी
ने आग जैसा ज़हर उड़ेला मेरे जीवन में.
चांदनी
ने मुझे मजबूर किया झील के आरपार तैरने को.
चांदनी
गरजी मर्दानगी और शिष्टता से.
मैक्स,
मैं एक लड़का ही तो था बस – खोखली हड्डियों वाला एक सारस.
ठंडी
चांदनी ने मुझे उछल फेंका था बर्फीली झील में
और
मुझे आदेश दिया तैरने का. पिताजी, पिताजी,
अभी
मैं बच्चा हूँ, लहरों से मुझे अकेले ऊपर खींच लाती
चांदनी
को देखकर मैं चिल्लाया था.
एक
मशीन थी चांदनी. एक मशीन.
चीखती
रही चांदनी जब तक कि आंसू चमकना बंद नहीं हो गए.
गले
की टीबी से मेरी आवाज़ जा चुकी थी,
सैनिटोरियम
में मैंने लिली और डेल्फीनियम के फूल मांगे थे.
उसके
लिए शब्द है – खंगालना. फॉक्सग्लव का फूल और सितारा.
कई
साल बीते चांदनी को मरे.
चांदनी
का सोनाटा, चांदनी, पियानो से चुराई गयी
एक
सफ़ेद कुंजी. आवाजाही में गुम हो गयी एक आत्मा.
जो
कुछ बचा – वह चांदनी है
मिटाना
चांदनी को.
मुझे
पसंद नहीं चांदनी की स्मृति का स्वाद.
(मैक्स:
मैक्स ब्रॉड, फ्रान्ज़ काफ़्का के आत्मीय मित्र थे जिन्होंने काफ़्का की कृतियों को
उनके मरने के बाद प्रकाशित करवाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निबाही थी, हरमन:
फ्रान्ज़ काफ़्का के पिता)
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