वीरेन डंगवाल का फ़ोटो - रोहित उमराव |
सरल-कठिन
- वीरेन डंगवाल
इस अंधेरे में तेज रोशनियों ने बचाया मुझे
या अक्टूबर की
ओस से आभासित
चांद की स्मृति
ने
या तुम्हारे प्यार
ने
मैं नहीं बताऊंगा.
इस बीमारी में
अब तक दवाओं और
डॉक्टरों ने बचाए रखा मुझे
या किसी उम्मीद
ने
या तुम्हारे प्यार
ने
मैं नहीं बताऊंगा.
जीवन बहुत पेचीदा
है
बहुत कठिन हो
चुकी है यह दुनिया
मगर वे बातें
सरल हैं
जिनसे आप इस कठिनाई
को समझ सकते हैं.
मुश्किल यह है
कि फिजूल करार दे दिया जाता है
आसान बातों को.
उन पर सवाल खड़े
कर दिए जाते हैं.
यह भी एक तरीका
है शत्रुता का.
पता नहीं क्यों
यह सभ्यता
सरलता की दुश्मन
है.
अलबत्ता यह ध्यान
रहे कि
सरलता भी आडंबर
न बन जाए
जैसा होता आया
है अक्सर.
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