ब्रासाई (9 सितम्बर 1899 - 8 जुलाई 1984) पेरिस में ब्रासाई का यह पोर्ट्रेट मशहूर फ़ोटोग्राफ़र मिशेल सोमोरोफ़ ने खींचा था |
ब्रासाई हंगेरियाई मूल
के फ़ोटोग्राफ़र, वास्तुशिल्पी, लेखक और फ़िल्मकार थे. उनका असल नाम था ग्यूला हालाश.
बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नाम अर्जित किया.
वे १९२४ में पेरिस आ गए थे जो उस समय हंगेरियाई कलाकारों के लिए एक बड़ी शरणस्थली
बना हुआ था.
पेरिस आने के बाद उन्होंने पेरिस की नाईटलाइफ़ को दर्ज करने के
उद्देश्य से फ़ोटोग्राफ़ी को अपना माध्यम बनाया. उनका मानना था कि कैमरा उन्हें एक
मरते हुए समाज को डॉक्यूमेंट करने में मददगार साबित होगा. याद रखना होगा कि यह दो
विश्वयुद्धों के बीच के वर्ष थे जब ब्रासाई अपनी कला के उच्चतम शिखर पर पहुंचे.
रात के आकर्षण से बंधे ब्रासाई ने पेरिस के तमाम आयामों को अपने
कैमरे में गिरफ़्तार किया चाहे वे वहां की वेश्याएं हों या पुलिसवाले या बेघर लोग
या कुलीन जन. उनके चित्रों में एक स्वप्नसरीखी रहस्यमय दुनिया नज़र आती है.
एक इंटरव्यू में ब्रासाई ने कहा था: “आपको पता है एक बार १९३० के
दशक में मेरी ड्राइंग्स देखने के बाद पिकासो ने मुझसे क्या कहा था? पिकासो बोला – ‘तुम पागल हो ब्रासाई! तुम्हारे पास सोने
की खान है और तुम नमक की खान खोदने में अपना वक़्त बिता रहे हो!’ ज़ाहिर है वह
फ़ोटोग्राफ़ी के बारे में बात कररह था. पेश हैं ब्रासाई के कुछ अविस्मरणीय फ़ोटो.
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